पित्र वर्ग के प्रथम प्रतिनिधि,परम पूज्य पिताजी हैं।
पहचान,नाम,अधिकार उन्हीसे,सुरक्षा कवच पिताजी हैं।
संतान के पैदा होते ही,बनगए जिम्मेदार पिताजी हैं।
हर काम करें संतान की खातिर,वो कामगार पिताजी हैं।
सुख का भी कर त्याग, चाहते सुखी संतान पिताजी हैं।
संतान से अपने अरमानों को,चाहें साकार पिताजी हैं।
संतान की खातिर हर मुश्किल,लेने तैयार पिताजी हैं।
संतान से अपने अरमानों को,चाहते साकार पिताजी हैं।
संतान भले ही बूढ़ी हो,पर समझें ना-समझ पिताजी हैं।
कर सावधान हर वक्त हमें, खुद चिंताग्रस्त पिताजी हैं।
परमपिता के बाद दूसरे,हित साधक पूज्य पिताजी हैं।
संतान सौंप दे जीवन उनको,फिर भी साहूकार पिताजी हैं।
पितृपक्ष त्यौहार अनूठा, जिससे याद आते रहें पिताजी हैं।
पहचान,नाम,अधिकार उन्हीसे,सुरक्षा कवच पिताजी हैं।
संतान के पैदा होते ही,बनगए जिम्मेदार पिताजी हैं।
हर काम करें संतान की खातिर,वो कामगार पिताजी हैं।
सुख का भी कर त्याग, चाहते सुखी संतान पिताजी हैं।
संतान से अपने अरमानों को,चाहें साकार पिताजी हैं।
संतान की खातिर हर मुश्किल,लेने तैयार पिताजी हैं।
संतान से अपने अरमानों को,चाहते साकार पिताजी हैं।
संतान भले ही बूढ़ी हो,पर समझें ना-समझ पिताजी हैं।
कर सावधान हर वक्त हमें, खुद चिंताग्रस्त पिताजी हैं।
परमपिता के बाद दूसरे,हित साधक पूज्य पिताजी हैं।
संतान सौंप दे जीवन उनको,फिर भी साहूकार पिताजी हैं।
पितृपक्ष त्यौहार अनूठा, जिससे याद आते रहें पिताजी हैं।
5 comments:
fathers'day pe ek kargar rachna .....:)
parampita ke baad doosre hit-sadhak pita ji hain
बहुत बढ़िया ! सुंदर रचना !
पिता को समर्पित एक शानदार रचना ...
आपकी यह उत्कृष्ट रचना कल दिनांक १६ जून २०१३ को http://blogprasaran.blogspot.in/ ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है , कृपया पधारें व औरों को भी पढ़े...
dhanyabad shalini ji
हैप्पी फादर्स डे
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