संतोष .....से.......सौहार्द्र .....से.....परिवार ....से......समाज ....से......बस्ती .....से.....प्रदेश ....से.....देश। देशभक्ति के लिए हमें बलिदान ही करना हो ऐसा नहीं है। हम थोडा सा त्याग करके भी अपने देश को मजबूत बनाकर देशभक्ति कर सकते है।जिसके लिए हम भारतवासियों में सौहार्द्र होना चाहिए।सौहार्द्र वंही होता है जहाँ हम खुद के लिए संतोष करके दूसरे की भलाई का सोचते हैं। अतः हमें संतोष रखना चाहिए जिससे सौहार्द्र बढ़ता है। सौहार्द्र से परिवार मजबूत होते है। परिवारों से समाज मजबूत होता है,और समाज से बस्ती मजबूत होती है। मजबूत बस्तियों से मजबूत प्रदेश होते है,और मजबूत प्रदेशों वाला देश मजबूत होता ही है। अतः हमें सिर्फ अपने लिए संतोष रखना है,जिससे सब कुछ मजबूत हो सकता है।आज हम अपनी विलासिता पूरी करना चाहते है,भले ही हमारे भाई और मित्र की भी जरूरतें पूरी न हो रही हों आगे हमारी अपनी मर्जी।
2 comments:
संतोषी सदा सुखी कहावत भी है |सौहार्द के बिना प्रगति संभव नहीं |उम्दा विचार |
आशा
बहुत अच्छे विचार हैं आपके , देश भक्ति दिखने के लिए जरुरी नहीं की सीमा पर ही जाया जाये ....देश के प्रति अच्छी भावना भी देशभक्ति ही है
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